अरे भाई, बात ऐसी है… रोहित शर्मा सिर्फ बैट से चौके-छक्के नहीं मारते, दिमाग से भी खेल जीताते हैं। कप्तानी में उनका swag ही अलग है। चल, मैं तुझे बताता हूँ उनके जीत के फंडे।
1. मैदान पर ठंडा-ठंडा कूल-कूल
मैदान में चाहे इंडिया की हालत पतली हो या सामने वाली टीम बल्ला घुमा-घुमा के हड्डी तोड़ रही हो, रोहित भाई का चेहरा देख, लगेगा जैसे वो समोसा खा रहे हों और चाय पी रहे हों। ये उनका सबसे बड़ा हथियार है — ठंडे दिमाग से खेलना।
2. किसको कहाँ खिलाना है, पता है भाई को
रोहित को मालूम है कौन खिलाड़ी कहाँ फिट बैठेगा। पावरप्ले में बम फोड़ने वाला ओपनर चाहिए? भेज दो! आखिरी ओवर में विकेट चाहिए? भरोसेमंद गेंदबाज हाज़िर! ये जुगाड़ ही मैच पलट देता है।
3. गेम पढ़ने में मास्टर
पिच स्लो हो रही है? मौसम बिगड़ रहा है? सामने वाली टीम का प्लान बदल गया? रोहित भाई को सब समझ आ जाता है और तुरंत अपना चाल बदल देते हैं। इसी को कहते हैं असली कप्तानी।
4. खिलाड़ियों को खुला मैदान
टीम में चाहे नया खिलाड़ी हो या पुराना, रोहित भाई सबको कह देते हैं – “भाई, टेंशन मत ले, अपना नेचुरल गेम खेल।” इससे लड़के खुलकर खेलते हैं, डर-डर के नहीं।
5. आंकड़े और अनुभव का तड़का
भाई को क्रिकेट के नंबर भी याद रहते हैं और किसको कब गेंद देनी है, ये भी। पुराने रिकॉर्ड्स और अपने खेल का अनुभव — दोनों मिलाकर ऐसा मिक्स बनाते हैं कि सामने वाली टीम सोचती रह जाती है।
6. टीम में भाईचारा
मैदान के बाहर भी रोहित सबके साथ मस्ती करते हैं, खाना-पीना, हंसी-मजाक… यही माहौल टीम में भाईचारा बनाता है और बड़े मैचों में सब मिलकर जान लगा देते हैं।
नतीजा?
रोहित शर्मा की कप्तानी में इंडिया ने कई बड़े मैच जीते हैं। और अगर भाई ऐसे ही चलता रहा, तो आने वाले टाइम में इंडिया के पास वनडे वर्ल्डकप 2027 की ट्रॉफी भी होगी।
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